Monday, January 13, 2014

दिल्ली में चलेगा 'आप' का जादू, कांग्रेस का सूपड़ा साफ : सर्वे

Arvind-Kejriwalनई दिल्ली

2014 में होने वाले आम चुनावों के लिए बड़े शहरों में बीजेपी को बड़ी चेतावनी मिल रही है। एक ताजा सर्वे के मुताबिक, आम आदमी पार्टी (आप) की बढ़ती लोकप्रियता की वजह से जहां दिल्ली में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो जाएगा, वहीं मुंबई में कांग्रेस और बीजेपी दोनों को कड़ी टक्कर मिलने वाली है। यह सर्वे एबीपी न्यूज-नीलसन ने करवाया है।

सर्वे के मुताबिक, नरेंद्र मोदी मुंबई और एनसीआर की 48 फीसदी जनता की पसंद हैं, जबकि केजरीवाल को 31 फीसदी जनता पीएम देखना चाहती है। सिर्फ 16 फीसदी लोगों ने राहुल गांधी के पक्ष में हैं। दिल्ली और एनसीआर मिलाकर प्रधानमंत्री की दौड़ में केजरीवाल और मोदी में सीधी टक्कर है। 45 फीसदी लोग जहां मोदी को पीएम चाहते हैं, वहीं 42 फीसदी जनता केजरीवाल को पसंद करती है। सिर्फ 11 फीसदी लोग राहुल के पक्ष में हैं।


जहां तक सीटों का सवाल है सर्वे के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर और मुंबई-ठाणे की कुल 21 लोकसभा सीटों में 'आप' को 8 सीटें मिल सकती है, वहीं एनडीए को 10 सीटें मिलेंगी। यूपीए की झोली में सिर्फ 3 सीटें जाएंगी। ध्यान रहे कि 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान इन 21 सीटों में से 17 सीटों पर कांग्रेस-एनसीपी ने जीत दर्ज की थी, जबकि बीजेपी को सिर्फ 2 सीटें मिली थीं। सर्वे के मुताबिक, 'आप' दिल्ली की कुल 7 लोकसभा सीटों में से 6 पर जीत हासिल कर सकती है। बीजेपी की झोली में 1 सीट जाएगी। फिलहाल सातों सीटों पर काबिज कांग्रेस यहां खाता भी नहीं खोल पाएगी।

राजनाथ सिंह हार सकते हैं 
दिल्ली से सटे यूपी की गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीटों पर भी 'आप' का खासा प्रभाव दिख रहा है। आप का यह असर गाजियाबाद सीट से मौजूदा सांसद बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है। सर्वे के मुताबिक, अगर बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह गाजियाबाद सीट से फिर चुनाव लड़ते हैं तो उन्हें हार का सामना करना पड़ सकता है। गौतमबुद्धनगर नगर सीट बीजेपी के खाते में जाती दिख रही है। दिल्ली से सटे हरियाण के गुड़गांव और फरीदाबाद में भी कांग्रेस की हालत खस्ता है। इन दोनों सीटों पर बीजेपी कब्जा जमा सकती है।

एबीपी न्यूज और नीलसन के मुताबिक, यह सर्वे 10 से 12 जनवरी के बीच किया गया है, जिसमें कुल 2585 मतदाताओं की राय शामिल की गई है।

Source of Info - Navbharat times

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