Monday, January 20, 2014

एसीपी और तीन एसएचओ हटाए जाएंगे?


मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के धरने को खत्म कराने के लिए एक एसीपी और तीन एसएचओ के तबादले पर विचार किया जा रहा है। इस बारे में अभी कोई फैसला नहीं किया जा सका है।

रविवार को केजरीवाल ने ट्विटर पर लिखकर पुलिस ऑफिसरों को सस्पेंड करने की मांग पूरी न होने पर उन्हें ट्रांसफर करने की डिमांड की थी। सोमवार को शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने भी कहा कि इन अफसरों को हटाने पर धरना खत्म किया जा सकता है। सोमवार को धरना स्थल पर इस बारे में सवाल पूछे जाने पर दिल्ली के कानून मंत्री सोमनाथ भारती ने कहा कि इन अफसरों के ट्रांसफर के बारे में पुलिस डिपार्टमेंट या सरकार की ओर से प्रस्ताव आएगा तो धरना खत्म करने पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रस्ताव ही नहीं आया तो इस बारे में उनकी पार्टी फैसला कैसे कर सकती है। केजरीवाल का कहना है कि इन ऑफिसरों को हटाए बगैर कोई जांच ठीक तरीके से नहीं हो सकती। उपराज्यपाल ने न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं।

गृह मंत्रालय में ऑफिसर यह मान रहे हैं कि इस धरने का मकसद पुलिस को सबक सिखाने से ज्यादा देश भर में लोकसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी का प्रचार करना है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री दिल्ली सरकार के तहत विभागों को दुरुस्त करने के बजाय पुलिस को ठीक करने में जुटे हुए हैं, जो उनके मातहत नहीं है। इस मामले को पुलिस कमिश्नर बी. एस. बस्सी के साथ लॉ ऐंड ऑर्डर के स्पेशल पुलिस कमिश्नर दीपक मिश्रा, साउथ ईस्टर्न रेंज के जॉइंट कमिश्नर विवेक गोगिया और नई दिल्ली रेंज के जॉइंट कमिश्नर मुकेश मीणा देख रहे हैं।

यह विचार किया जा रहा है कि कानून मंत्री सोमनाथ भारती से खिड़की एक्सटेंशन में टकराए साउथ दिल्ली के एसीपी भरत सिंह जाखड़, मालवीय नगर के एसएचओ विजयपाल सिंह, महिला और बाल विकास मंत्री राखी बिड़ला के बुलाने से मौके पर न पहुंचे सागरपुर के एसएचओ रिछपाल सिंह मीणा और डैनिश महिला से गैंग रेप के बाद पहाड़गंज के एसएचओ राजकुमार का तबादला कर दिया जाए। केजरीवाल इन्हीं को सस्पेंड या तबादला करने की मांग कर रहे हैं। इन्हें दूसरे अहम पदों पर भेजने पर विचार किया जा रहा है, जिससे कि इनके उत्पीड़न का मेसेज भी फोर्स में न जाए।

पुलिस ऑफिसरों के एक वर्ग का मानना है कि इनके तबादले से मौजूदा समस्या हल हो सकती है। ऑफिसरों का दूसरा वर्ग तबादलों का इस आधार पर विरोध कर रहा है कि जांच से पहले उन्हें हटाने से फोर्स में गलत मेसेज जाएगा और आइंदा के लिए गलत उदाहरण कायम हो जाएगा। वह यह भी आशंका जता रहे हैं कि दबाव में तबादले कर दिए गए तो आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता, एमएलए और दिल्ली सरकार पुलिस को दबाव में ले लेंगे। हालांकि, इस मामले के राजनीतिक पहलुओं को देखते हुए पुलिस ऑफिसर इस बारे में कोई फैसला करने से पहले गृह मंत्रालय से निर्देश लेना चाहते हैं।

source - TOI

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